Simla Stock:Basics of Employee Provident Fund: EPF, EPS, EDLIS

博主:Admin88Admin88 11-05 21

Simla Stock:Basics of Employee Provident Fund: EPF, EPS, EDLIS

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में ई पी एस के तहत प्राप्त होने वाले पेंशन से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को फायदा कम नुकसान ज्यादा हो रही है !

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत पेंशन फंड में नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के मूलवेतन का 8.33% राशि योगदान की जाती है । जिसमें सरकार नाममात्र का 1.16% राशि योगदान करती है । पेंशन फंड में जमा राशि पर ब्याज प्रदान नही की जाती है । कर्मचारी का न्यूनतम 10 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर 50/58 वर्ष बाद पेंशन प्रदान की जाती है । किन्तु यह पेंशन कर्मचारी की पेंशन फंड मे जमा राशि के तुलना में बहुत ही कम दी जा रही है । जिसे हम नीचे दिये गए उदाहरण के द्वारा समझ सकतें हैं ।

माना की रमेश 23 वर्ष की उम्र में 4000 रुपये मूल वेतन के सांथ किसी कम्पनी में नौकरी शुरू कि । यदि मूलवेतन में प्रतिवर्ष 300 रूपये वृद्धि होती है तो रमेश की 58 वर्ष की आयु तक 35 वर्ष की सेवा पूर्ण हो जायेगी तथा मूलवेतन 14200 रुपये हो जायेगी ।Simla Stock

पेंशन सूत्र अनुसार रमेश को 58 वर्ष की आयु के बाद उसकी 35 वर्ष की सेवा एवं 14200 रुपये मूलवेतन के आधार पर – 35*14200/70=7100 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्राप्त होगी ।

उपरोक्त्त उदाहरण के ठीक विपरीत यदि रमेश प्रतिमाह पेंशन फंड में जमा होने वाली राशि के बराबर PPF या किसी अन्य सेविंग स्कीम में निवेश करेगी तो 58 वर्ष की आयु तक ब्याज सहित लगभग 12 लाख 55 हजार रुपये जमा हो जायेगी। उस 12 लाख 55 हजार रुपये को यदि पोस्ट ऑफीस की मंथली इन्कम स्कीम में निवेश करेगी तो 8000 रुपये प्रतिमाह ब्याज प्राप्त होगी तथा उसके मूलधन 12 लाख 55 हजार रुपये खाता में सुरक्षित रहेगी।

जबकि सरकार पेंशन फंड में जमा राशि पर प्रतिमाह 7100 रुपये ही पेंशन के रूप में प्रदान करेगी तथा पेंशनर एवं उसकी पत्नी के मृत्यु के बाद यदि उसके बच्चों की उम्र 25 वर्ष से कम है तोे बच्चों को पेंशन मिलेगी हालाँकि कर्मचारी की 58 वर्ष उम्र होते तक बच्चों की उम्र भी 25 वर्ष से ऊपर होगी अतः पेंशन पूर्णतः बंद हो जायेगी। कर्मचारी के जिंदगी भर की मेहनत की कमाई से जमा पेंशन फंड की राशि नॉमिनी को नही लौटाई जाती है यह पूर्णतः सरकार की हो जायेगी ।

उपरोक्त उदाहरण के अतिरिक्त 10 वर्ष से कम सर्विस का एक अन्य उदाहरण प्रस्तुत है…..

माना की श्याम ने 23 वर्ष की उम्र में 4000 रूपये मूलवेतन से नौकरी शुरु की और 9 वर्ष 5 माह में 7000 रुपये मूलवेतन पर नौकरी छोड़ दी तो वह पेंशन का हकदार नही होगा क्योंकि उसकी सेवा 9 वर्ष मानी जायेगी ।

श्याम को EPS नियमानुसार 9 वर्ष की सेवा पर 9.33% * अंतिम 12 माह की औसत मूलवेतन (9.33*6825) = 63677 रूपये पेंशन फंड की राशि वापस कर दी जायेगी ।

यदि श्याम 9 वर्ष 5 माह के स्थान पर 9 वर्ष 6 माह की सेवा के बाद नौकरी छोड़ देती है । तो उसकी पेंशन योग्य सेवा 10 वर्ष मानी जायेगी और वह पेंशन का हकदार हो जायेगा । तथा 50 वर्ष की आयु के बाद उसकी 10 वर्ष की सेवा एवं अंतिम 12 माह की औसत मूलवेतन के आधार पर कुल {10*6850/70} =979 रुपये प्रतिमाह पेंशन बनेगी । हाँलाकि सरकार ने न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रूपये कर रखी है अतः श्याम को 50 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 1000 रुपये प्रतिमाह मासिक पेंशन प्राप्त होगी ।

इसी उदाहरण के ठीक विपरीत यदि श्याम 9 वर्ष 6 माह की नौकरी न कर 9 वर्ष 5 माह बाद नौकरी छोड़ कर पेंशन फंड से मिली एकमुश्त राशि 63677 रुपये को 17 वर्ष के लिए (वर्तमान ब्याज दर 7.25% पर ) फिक्स डिपॉजिट कर देती है तो श्याम को 50 वर्ष की आयु पूर्ण होते ही F.D.की मैच्यूरीटी राशि 2 लाख 9 हजार रूपये प्राप्त होगी ।

इस राशि को पोस्ट ऑफीस की मंथली इन्कम स्कीम में निवेश करती है तो प्रतिमाह 1340 रूपये ब्याज प्राप्त होगी ।साथ ही 2 लाख 9 हजार रूपये उसके खाते में सुरक्षित रहेगी ।

जबकि सरकार श्याम को 10 वर्ष की सेवा पर 50 वर्ष की उम्र के बाद मात्र 1000 रूपये ही प्रतिमाह पेंशन प्रदान करेगी । न तो इसमें प्रतिवर्ष महँगाई राहत के रुप में किसी प्रकार की वृध्दि होगी और न ही कर्मचारी की मृत्यु के बाद पेंशन फंड में जमा राशि उसके नॉमिनी को वापस लौटायेगी ।

EPFO की इस EPS स्कीम से कर्मचारी को फायदा कम नुकसान ज्यादा हो रही है । EPS स्कीम सिर्फ उन्हीं कर्मचारीयों के परिवारों के लिए फायदेमंद है! जिसकी आकस्मिक मृत्यु अल्प सेवा के दौरान हो गई हो या जो 40 वर्ष की उम्र के बाद EPF की सदस्य बनें हैं जिनकी पेंशन फंड में कम योगदान है ।

अतः सरकार को निम्न बिंदुओं पर जवाब देना चाहिये ..

1Lucknow Wealth Management. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की मेहनत की कमाई से जमा पेंशन फंड की राशि पर इतनी कम पेंशन क्यों दी जाती है । जबकि दी जाने वाले पेंशन राशि से अधिक सरकार पेंशन फंड में जमा राशि पर ब्याज प्राप्त कर रही है।

2. कोई कर्मचारी लम्बी अवधि तक EPF का सदस्य है तथा 58 वर्ष में पेंशन प्राप्त करती है। यदि कुछ दिनों बाद पति-पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाती है और उनके बच्चों की आयु भी 25 वर्ष से ऊपर है तो उनकी पेंशन पूरी तरह बंद हो जायेगी । तब कर्मचारी के पूरी जिंदगी की कमाई से जमा पेंशन फंड की राशि को सरकार उसकी नॉमिनी को क्यों नही वापस करती है ।

जबकि NPS में पूरी राशि कर्मचारी के नॉमिनी को लौटा दी जाती है ।

2. पेंशन फंड में जमा राशि पर EPF की तरह ब्याज क्यों नहीं प्रदान कि जाती है तथा ब्याज सहित कुल जमा राशि के अनुसार प्रतिमाह पेंशन क्यों नही दी जाती है ।

3. पेंशन की राशि में प्रतिवर्ष महँगाई राहत के रूप में वृद्धि क्यों नही की जाती है ।


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The End

Published on:2024-11-05,Unless otherwise specified, Financial product classification | Bank loan productsall articles are original.